K. Jaiganesh ने छह असफल प्रयासों के बाद 2007 में यूपीएससी परीक्षा में 156 वीं रैंक हासिल किया।

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K. Jaiganesh का जीवन परिचय
उत्तरी तमिलनाडु में अंबुर के पास एक सुदूर गाँव, विनवमंगलम में जन्मे के. जयगणेश चेन्नई के एक छोटे से भोजनालय में वेटर के रूप में काम करते थे,क्योंकि के. जयगणेश चार भाई बहनों में सबसे बड़े थे और परिवार के खर्चे की भी जिम्मेदारी थी।उनके पिता एक चमड़े फैक्ट्री में सुपर वाइजर के पद पर थे,उनकी मासिक आय 4500 रुपया था। इसी कारण उन्हें भी काम करना पड़ता था।
K. Jaiganesh का शुरुआती शिक्षा
वे पढ़ने में शुरू से ही बहुत अच्छे थे – 10वीं में टॉप करने के साथ-साथ उसने 12वीं की परीक्षा भी 91वे प्रतिशत अंक लाया। के. जयगणेश ने वेल्लोर में गवर्नमेंट थंथई पेरियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी।

हालाँकि, उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अजीबोगरीब काम करने पड़े – जिसमें वह सिनेमा हॉल में टिकट काटने का काम करते थे। लेकिन इससे उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला, फिर उन्होंने एक भोजनालय में नौकरी करना शुरू कर दिया।
वे अपने गांव से तीन बार सिविल सेवा परीक्षाओं में बैठने की असफल कोशिश की थी, तब उन्हें लगा कि अगर इस परीक्षा को क्लियर करना है तो अपना सौ प्रतिशत देना होगा और उन्होंने नौकरी छोड़ तैयारी करना शुरू किया।
K. Jaiganesh का IAS में सफलता
छठे प्रयास में साक्षात्कार तक पहुंचे लेकिन इसबार भी उन्हें असफलता मिली, इस बार उनका मनोबल टूट गया। फिर उन्होंने सोचा कि इस परीक्षा के बारे में बहुत चीज जान गया हूँ,इसलिए एक आखिरी प्रयास करनी चाहिए। इसलिए उन्होंने 7वें बार परीक्षा दिया और 156 वीं रैंक के साथ आईएएस बन गए।
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