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मुद्रा भ्रम (Money Illusion) किसे कहते है ?
मुद्रास्फीति के समय विशेष कर मुनाफा बढ़ने से यह भ्रम उत्पन्न होता है कि लोग संपन्न हो रहे हैं। इस समय मजदूर संघ के दबाव से आय में भी वृद्धि होती है परंतु वास्तव में मुद्रा के मूल्य में लगातार गिरावट से नागरिकों की वास्तविक आर्थिक स्थिति में भी गिरावट आती है ऊंची आय पर भी उपयोग का स्तर पूर्व के स्तर से गिरने लगते हैं तथा निवेश पूंजी भी संकुचित होने लगती है। यह स्थिति मुख्य रूप से तीव्र स्फीति की अवस्था में देखी जाती है। अमेरिकी अर्थशास्त्री ने पहली बार इस भ्रम की व्याख्या करते हुए कहा है कि मुद्रा की इकाई का मूल्य उसकी क्रय शक्ति के आधार पर बदलता रहता है। इस स्थिति को मुद्रा भ्रम (Money Illusion) कहा जाता है।