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कालाधन क्या है ?
ऐसा धन जिस पर कर नहीं दिया गया हो अथवा जिस पैसे का लेखा-जोखा नहीं हो उसे कालाधन कहा जाता है। कालाधन वास्तव में राशनिंग, लाईसेन्सिग, इंस्पेक्टर राज, गलत व्यापार व्यवस्था, वास्तविक भुगतान और लेखा योग्य भुगतान के अंतर, रिश्वत आदि के कारण अर्थव्यवस्था में अपना पैर जमाता है। प्रेमचंद्र की कहानी नमक का दारोगा, रिश्वत से उत्पन्न काला धन प्रधान समाज को प्रतिबिंबित करता है। भारत में एक आकलन के अनुसार आधे से अधिक जीडीपी काला धन के रूप में है। काला धन पर नो तो कर दिया जाता है और ना ही यह व्यक्ति या फर्म के आय-व्यय के लेखा-जोखा में शामिल होता है। भारत में मुख्य रूप से नौकरशाह, राजनेता, व्यापारी तथा ठेकेदार कालाधन अर्जन में आगे है।