पुर्तगालियों के बाद भारत में डचों का आगमन होता है,जो दूसरा यूरोपीय था
1596 ई० में भारत में आने वाला प्रथम डच यात्री – कारनेलिस हॉटमैन था।
- भारत में प्रथम डच कम्पनी “यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी ऑफ द नीदरलैंड” की स्थापना 1602 ई० में हुई थी।
- बंगाल में प्रथम डच फैक्ट्री पीपली में स्थापित की गई थी।
- भारत में “यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी ऑफ द नीदरलैंड” की स्थापना 20 मार्च 1602 ई० को किया गया था।
- भारत में अपना पहला कारखाना, डचों ने 1605 ई० में मसूलीपट्नम में स्थापित किया था ।
- डचों ने पुलीकट में स्थापित अपनी दूसरी डच फैक्ट्री का नाम गोल्ड़िया रखा था।
- पुलीकट में डच अपने स्वर्ण सिक्के पैगोडा को ढाला करता था ।
- पुलीकट को ही डचों ने अपनी समस्त गतिविधियों का केन्द्र बनाया ।
- डचों और अंग्रेजों के मध्य 1759 ई. में हुए बेदरा के युद्ध में अंग्रेजी नौसेना की सर्वश्रेष्ठता ने डचों को भारतीय व्यापार से बाहर कर दिया।
- भारत में डचों का अन्तिम रूप से पतन इसी युद्ध के साथ हो गया।
- वेदरा युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व रॉबर्ट क्लाइव ने किया था।
डचों की भारत में महत्वपूर्ण कोठियाँ |
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मसुलीपट्टम (1605),पुलिकट (1610),सूरत (1616),चिनसुरा(1653),नागपट्टम (1658),कोचीन (1663),कासिम बाजार,पटना,बालासोर |