हिमालय का निर्माण सेनोजोइक महाकल्प काल में हुआ है
Table of Contents
हिमालय के अंतर्गत 4 समानांतर पर्वत श्रेणी है
- पार हिमालय या ट्रांस हिमालय
- वृहद हिमालय या सर्वोच्च हिमालय
- मध्य या लघु हिमालय या हिमाचल हिमालय
- शिवालिक हिमालय
1. ट्रांस हिमालय
हिमालय के उत्तर में लद्दाख में तीन पर्वत श्रेणी को शामिल किया जाता है –
- काराकोरम
- लद्दाख
- जास्कर
ट्रांस हिमालय का निर्माण, हिमालय के निर्माण से पहले हो चुका था। यह टेथिस सागर से निर्मित नहीं हुआ है,बल्कि यह यूरेशिया प्लेट का भाग है। ट्रांस हिमालय ज्यादा ऊंचाई के कारण वर्ष भर अच्छादित रहता है अतः यह वनस्पति नहीं है ।
काराकोरम श्रेणी
भारत का सबसे उत्तरी श्रेणी, इसी श्रेणी में भारत की सबसे ऊंची चोटी K2 है। K2 दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है, इसकी ऊंचाई 8611 मीटर है।
काराकोरम श्रेणी पर चार प्रमुख हिमनद पाया जाता है –
- सियाचिन – दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर
- बियाफो – दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर
- बाल्टोरो
- हिस्पर
नोट – काराकोरम पर्वत श्रेणी का पुराना नाम कृष्णगिरी है।
लद्दाख ट्रेनिंग
इस श्रेणी पर राकापोशी शिखर है, जो दुनिया के सबसे ज्यादा तीव्र ढाल वाली है। यह श्रेणी दो नदी – श्योको और सिंधु के बीच है। सिंधु नदी लद्दाख और जास्कर श्रेणी के बीच उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ती हुई पाकिस्तान को चले जाती है। लेह, सिंधु नदी के दाहिने तरफ अवस्थित हैं।
जास्कर श्रेणी
यह श्रेणी ट्रांस हिमालय का सबसे निचला श्रेणी है।
2. वृहद हिमालय या सर्वोच्च हिमालय
इस हिमालय का अन्य नाम – महान हिमालय, आंतरिक हिमालय, हिमाद्रि हिमालय है। इसे केंद्रीय अवश्य श्रेणी भी कहा जाता है। वृहद हिमालय, ट्रांस हिमालय से शचर जोन से अलग होता है।
इस हिमालय का शुरुआत पश्चिम में नंगा पर्वत से शुरू होकर पूरब में नामचा बरवा (तिब्बत) तक है। इसी हिमालय श्रेणी में दुनिया के 10 शब्द से ऊंची पर्वत चोटी अवस्थित है। जिसमें 4 का नाम इस प्रकार है –
- एवरेस्ट (नेपाल)
- कंचनजंगा (सिक्किम)
- मकालु (नेपाल)
- धौलागिरी (नेपाल)
- अन्य पर्वत चोटी – अन्नपूर्णा( नेपाल), नामचा बरवा( तिब्बत)
- उत्तराखंड के 6 पर्वत चोटी – नंदा देवी, त्रिशूल, बंदरपूंछ, बद्रीनाथ, कामेख , केदारनाथ
- एवरेस्ट को तिब्बत में चोमोलूंगमा ( अर्थ- पर्वतों की रानी) कहते हैं
- उत्तराखंड में वृहद हिमालय पर दो हिमनद है – गंगोत्री और यमुनोत्री
- वृहद हिमालय और पीर पंजाल के बीच विश्व प्रसिद्ध कश्मीर घाटी और डल झील है
3. मध्य या लघु हिमालय या हिमाचल हिमालय
यह हिमालय वृहद हिमालय के दक्षिण में है। यह हिमालय वर्ष भर वर्ष में अच्छादित नहीं होते हैं। यहां के ढाल पर लंबे मुलायम शीतोष्ण घास के मैदान होते हैं।इसमें पांच मुख्य श्रेणी है –
पूरब से पश्चिम की श्रेणी
पीर पंजाल श्रेणी | जम्मू कश्मीर |
धौलाधार श्रेणी | हिमाचल प्रदेश |
मसूरी श्रेणी | उत्तराखंड |
महाभारत श्रेणी | नेपाल |
नामडीबा श्रेणी | नेपाल |
पीर पंजाल श्रेणी
- मध्य हिमालय का पश्चिमी श्रेणी
- जम्मू से श्रीनगर जाने का रास्ता बनिहाल दर्रे से होकर जाता है, इसी दर्रे में जवाहर सुरंग है
- पीर पंजाल के उत्तर में श्रीनगर है और दक्षिण में जम्मू है
- यहां के शीतोष्ण घास के मैदान को मर्ग( गुलमर्ग, सोनमर्ग) के नाम से जाना जाता है
धौलाधार श्रेणी
- इसे हिमाचल भी कहते हैं। शिमला इसी श्रेणी पर अवस्थित है।
- हिमाचल का शहर – शिमला,मनाली,डलहौजी
मसूरी श्रेणी
- उत्तराखंड के शीतोष्ण घास के मैदान को बुग्याल और पयाल कहते हैं।
- उत्तराखंड के शहर – मसूरी, रानीखेत, नैनीताल, पिंडसर
लघु और वृहद हिमालय के बीच समतल पाया जाता है,जिसे घाटी कहा जाता है
- कश्मीर घाटी (वृहद हिमालय और पीर पंजाल श्रेणी के बीच)
- कुल्लू कांगड़ा घाटी ( वृहद हिमालय और धौलाधार श्रेणी के बीच)
- काठमांडू घाटी ( वृहद हिमालय और मध्य हिमालय के बीच)
श्रीनगर,डल झील के किनारे स्थित है।
श्रीनगर, डल झील और वूलर झील कश्मीर घाटी में अवस्थित है।
चुंबी घाटी,सिक्किम में है जो वृहद हिमालय और लघु हिमालय के बीच स्थित है
4. शिवालिक हिमालय
इसे बाय हिमालय भी कहा जाता है। यह हिमालय का सबसे नवीन पर्वत श्रेणी है। तीनों हिमालय पर्वत श्रेणी में सबसे कम ऊंचाई शिवालिक हिमालय का ही है। शिवालिक का स्वतंत्र अस्तित्व कोसी नदी तक ही दिखाई देती है, कोसी के पूर्व में शिवालिक, लघु हिमालय के साथ संबद्ध हो गया है। अरुणाचल प्रदेश में शिवालिक चार अलग-अलग पहाड़ी के रूप में बिखरा नजर आता है- डफला, मिरी , अवोर , मिसमी ( पश्चिम से पूर्व) । लघु हिमालय और शिवालिक हिमालय के मध्य के घाटी को द्वार और दून कहते हैं । जैसे – हरिद्वार, देहरादून
( डफला, मिरी , अवोर , मिसमी अरुणाचल प्रदेश के जनजाति का भी नाम है )
नोट – हिमालय का पश्चिमी छोर और पूर्वी छोर पर तीखा मोड़ हो जाता है। पश्चिमी छोर, सिंधु गार्ज के पास तथा पूर्वी छोर, दिहांग गार्ज के पास अवस्थित है।
(देहांग, ब्रह्मपुत्र नदी का भी दूसरा नाम है। ब्रह्मपुत्र नदी मानसरोवर घाटी से निकलती है)
संक्षिप्त विवरण
- दुनिया की सबसे ऊंची चोटी – एवरेस्ट
- दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी – K2
- हिमालय का दूसरी सबसे बड़ी चोटी – कंचनजंगा
- हिमालय का भारत में स्थित सबसे ऊंची चोटी – कंचनजंगा
- राकापोशी शिखर की स्थिति – लद्दाख पहाड़ी
- भारत में एन्थ्रेसाइट कोयला कहां पाया जाता है – कारगिल
- भारत में 98% कोयला, बिटुमिनस वाला पाया जाता है
- भारत में सोना धारवाड़ चट्टान( कर्नाटक) में पाया जाता है
- कश्मीर हिमालय करेवा के लिए प्रसिद्ध है, जहां जाफरन की खेती की जाती है