संविधान का संशोधन – दक्षिण अफ्रीका के संविधान से प्रेरित
Table of Contents
संविधान संशोधन के प्रकार
1. साधारण बहुमत
2. विशेष बहुमत
3. विशेष बहुमत और राज्यों के समर्थन द्वारा
साधारण बहुमत – सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले आधे से अधिक सदस्यों का बहुमत
विशेष बहुमत – संबंधित सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का दो तिहाई बहुमत
संविधान संशोधन की प्रक्रिया
1.संयुक्त अधिवेशन नहीं (अनुच्छेद 108)
2.संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है
3. किसी मंत्री या गैर सरकारी सदस्यों (सांसद) द्वारा लाया जा सकता है
4.राष्ट्रपति की पूर्व सहमति की कोई जरूरत नहीं
5. दोनों सदनों में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा जाना
6. राष्ट्रपति सहमति देने के लिए बाध्य
7. सहमति के बाद Bill,Act बन जाता है
8.यदि संशोधन अनुच्छेद 368(2) में वर्णित उपबंध में किया जाना है तो विधेयक राष्ट्रपति को सहमति के लिए भेजने के पूर्व कम से कम आधे राज्यों के विधान मंडल द्वारा साधारण बहुमत से उनका समर्थन होना आवश्यक है
अनुच्छेद 368 में अब तक तीन संशोधन हुए हैं
1.सातवां संशोधन अधिनियम 1956 (भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया)
2. 24वां संशोधन अधिनियम 1971 ( राष्ट्रपति को संविधान संशोधन विधेयक पर अपनी अनुमति देने के लिए बाध्य कर दिया गया)
3. 42वां संशोधन अधिनियम 1976 (संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी, पंथनिरपेक्ष तथा अखंडता शब्दों को जोड़ा गया )
संविधान के संशोधन की प्रक्रिया की फोटो – Download